क्रिप्टो करेंसी(cryptocurrency)

1.  क्रिप्टो करेंसी क्या है???

  • क्रिप्टो करेंसी  किसी मुद्रा का डिजिटल रूप है, यह किसी भी दूसरी मुद्रा की तरह आपके जेब में नहीं रखी जा सकती ।
  • यह ठोस रूप में नहीं होती है, यह पूर्ण रूप से ऑनलाइन होती है। 
  • सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके द्वारा किया गया व्यापार बिना किन्ही नियमो पर होता है।
  • यह मुद्रा कोई सरकार या विनिमायक संस्था जारी नहीं करती है ।
  • दुनियाभर  में  कई तरह की वर्चुअल (डिजिटल ) करेंसी प्रचलन में है जैसे : बिटकॉइन , ईथर ,रिप्पल ,लाइटकॉइन आदि ।
  • इसमें भी सबसे प्रचलित क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन है जिसका मूल्य सबसे अधिक है। 
  • प्रत्येक क्रिप्टो करेंसी की अपनी अलग वैल्यू होती है कई फैक्टर्स कॉइन की वैल्यू डिसाइड करते है जैसे बिटकॉइन को गोल्ड का सब्सीटूट माना जाता है। 
  • इसके प्रांरभ की बात करे तो 1983 में अमेरिकन क्रिप्टो ग्राफर डेविड चाम ने सबसे पहले ई कैश नाम से क्रिप्टो ग्राफर इलेक्टॉनिक मनी बनाई थी। 1995 में डिजी- कैश  के जरिए इसे  लागू किया गया 
  • 2009 में बिटकॉइन का प्रांरभ सातोशी नकामोतो ने किया इसके बाद ही क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता बढ़ी। 
        
                                                         इमेज सोर्स-:(विकिपीडिया)

2. क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग:

  • आज के डिजिटल युग में क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग आसान है ।
  • क्रिप्टो करेंसी की खरीद-बिक्री के लिए विनियोगकर्त्ता "क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज वेबसाइट" पर जाकर की जा सकती है। 
  • ऐप्स का प्रयोग कर भी क्रिप्टो करेंसी की खरीद-बिक्री की जाती है। 
  • इन डिजिटल प्लेटफॉम्स पर जाकर विनियोगकर्ता को केवल SIGN IN( रजिस्ट्रेशन ) करना होता है। 
  • kYC अपडेट के बाद विनियोगकर्ता अपने बैंक खाते से भुगतान कर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकता है। 
  • क्रिप्टो करेंसी खरीद-बिक्री का दूसरा तरीका P2P ( पर्सन टू पर्सन ट्रांजेक्शन ) है इसमें रूचि रखने वाले खरीदार और रूचि रखने वाले विक्रेता ढूंढ कर खरीद-बिक्री कर सकते है। 
  • इनको खरीदने की कोई लिमिट नहीं है 
  • देश में क्रिप्टो करेंसी के लिए प्लेटफॉर्म्स जैसे WazirX ,COINSWITCH KUBER,Zebpay  आदि। 
  • ये सभी प्लेटफॉर्म्स 24 ऑवर काम करते है इससे आप किसी भी वक़्त  विनियोग कर सकते है। 

3. भारत में क्रिप्टो करेंसी:

  • भारत में क्रिप्टो करेंसी को गैर क़ानूनी नहीं माना है और भारत में इसके नियंत्रण के लिए कोई संस्था भी नहीं है। 
  • भारत में क्रिप्टो करेंसी के विनिमयन को  लेकर भारत सरकार ने 2017 में एक अंतर मंत्रालयी समिति बनायी थी। 
  • 2018 में RBI ने साइबर अपराध का हवाला देते हुए एक सर्कुलर जारी किया,क्रिप्टो करेंसी के व्यापार पर रोक लगा दी। 
  • इस रोक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दर्ज़ की गई, जिसको लेकर फ़रवरी 2020 में इस पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने  क्रिप्टो करेंसी व्यापार  से रोक हटा दी।
  • मार्च 2020 में देश में लॉकडाउन लगा और इस दौरान देखा गया कि क्रिप्टो करेंसी व्यापार में  निवेश बढ़ने लगा।

4. भारत सरकार का क्रिप्टो करेंसी को लेकर मत 

  • 2019 में क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार प्रतिबन्ध एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनिमयन विधेयक का मसौदा तैयार किया जो संसद में पेश नहीं हो सका। 
  • इस विधेयक को पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग की अध्यक्षता में बनाई गई समिति ने तैयार किया जिनका मानना था की देश क्रिप्टो करेंसी व्यापार पर पूर्ण रोक लगा दी जाये। 
  • लेकिन सरकार का मानना है कि गर्ग समिति की सिफारिशें अब पुरानी हो गई है , अब क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबन्ध की जगह नए सिरे से नियम बनानेकी आवश्यकता है। 
  • अब भारत सरकार संसद में क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल पेश करने का फैसला लिया है , इसके बारे अब तक जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है। 
  • यह बिल हो सकता है अगले मानसून सत्र में संसद में पेश हो,यह केवल क्रिप्टो करेंसी को नियंत्रित करेगा।
  • केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साफ़ कर चुकी है सरकार की योजना क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगाने की नहीं है। 

5. क्रिप्टो करेंसी से लेकर समस्याएं:

  • क्रिप्टो करेंसी व्यापार पूर्णतः  ऑनलाइन होने के कारण सिक्योरिटी को लेकर समस्या रहती है तथा हैक होने का खतरा रहता है, इसलिए इसको असुरक्षित मुद्रा के रूप में माना जा रहा है। 
  • बैंको  द्वारा क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉम्स के साथ कार्य करने को तैयार नहीं है इससे लेन देन की प्रक्रिया मुश्किल होती है। 
  • बिटकॉइन की कीमतों  में भरी उतार चढ़ाव देखा जाता है,इसलिए करेंसी के रूप ये सक्षम है या नहीं इस पर प्रश्न चिन्ह है।
  • ये किसी केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित नहीं है इसलिए निजी तोर पर लेन देन होता है। 
  • माईनिग प्रक्रिया के तहत जनरेट किया जाता है जिसके लिए एक खास सॉफ्टवयेर की आवश्यकता होती है। 
  • इसके लिए बेहतर प्रोसेसर और अधिक बिजली आपूर्ति की आवश्यकता होती है। 
  • यदि किसी भी प्रकार की शिकायत होती है तो कस्टमर द्वारा कही भी दर्ज़ नहीं करवाया जा सकता ,क्योकि कोई रेगुलेटर नहीं है। 
  • भारत में भी क्रिप्टो करेंसी व्यापार में निवेश बढ़ रहा है तथा सरकार को जल्द से जल्द इस सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी करने चाहिए। 
  • इसका रेगुलेशन इस तरह किया जाये की उपभोक्ता को मज़बूत संरक्षण मिले। 



⇨ प्रमुख बाते:

  1. हाल ही RBI और वित्त मंत्रालय कह चुका है की वे भारत की खुद की डिजिटल करेंसी और उसके विनिमयन के लिए कानून बनाने पर विचार करेंगे। 
  2. क्रिप्टो करेंसी को लेकर कोई आंकड़ा नहीं है कि कितने भारतीय इसका प्रयोग करते है लेकिन कुछ खबरों की माने तो लॉकडाउन इसका निवेश भारत में बढ़ा है। 
  3. RBI ने कहा है की वे भारत की खुद की क्रिप्टो करेंसी को लाने और उसके चलन को विकल्प तलाश कर रही है। 
  4. क्रिप्टो करेंसी कीमत  मांग एवं आपूर्ति(demand &supply ) के  नियम पर तय होती है। 
  5. जब इसकी मांग ज्यादा होगी और आपूर्ति कम होगी तो इसकी कीमत भी ज्यादा होगी,  इसके विपरीत मांग कम होगी और आपूर्ति ज्यादा होगी तो इसकी कीमत भी कम होगी।






























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