●लाला लाजपतराय जी
•लाला जी का जन्म 28 जनवरी 1865 पंजाब के मोगा जिले में हुआ।
•उन्होंने लाहौर के गवर्मेंट कॉलेज से बी.ए पास की एवं 1885 में वकालत की डिग्री प्राप्त की।
•लाहौर में आर्य समाज एवं डी.ए. वी(दयानंद एंग्लो वैदिक) कॉलेज की स्थापना के लिए सहयोग।
•वर्ष 1905 में बंग-भंग के दौरान भारतीय राजनीती में सीधे रूप से प्रवेश कर लार्ड कर्जन की नीतियों डटकर विरोध किया।
•वर्ष 1907 में उन्होंने सरदार अजीत सिंह के साथ "कोलोनाइजेशन बिल" का विरोध किया जिससे ब्रिटिश सरकार ने उन्हे 6 माह के लिए बर्मा की मांडले जेल में रखा।
(फोटो सोर्स:विकिपीडिया)
•वर्ष 1920 कलकत्ता में लाला जी ने कांग्रेस के विशेष अधिवेशन की अध्यक्षता की और असहयोग आंदोलन का कार्यक्रम स्वीकार किया।
•लाला जी गरमपंथियो के प्रमुख नेताओं में से होकर भी देश की स्वतंत्रता के लिए कांग्रेस के असहयोग आंदोलन का डटकर प्रचार-प्रसार किया।
•उन्होंने स्वराज दल के गठन में अहम भूमिका निभाई और केंद्रीय विधान परिषद का चुनाव जीता एवं केंद्रीय विधान सभा में स्वराज दल के उपनेता बने।
•मदन मोहन मालवीय के साथ मिलकर "हिन्दू महासभा" की स्थापना की।
•वर्ष 1925 में "हिन्दू महासभा" के अध्यक्ष बने।
•उनके प्रमुख समाचार-पत्र उर्दू दैनिक, वंदे मातरम और एक अंग्रेजी अखबार "The people" थे।
•1928 में साइमन कमीशन भारत आया जिसका विरोध जगह जगह किया गया।
•जब यह कमीशन लाहौर पहुँचा तो हज़ारो लोगो की भीड़ ने इसका विरोध किया लाला जी इस प्रदर्शन के नेता थे।
•पुलिस ने लाठी चार्ज की जिससे लाला जी को सिर पर गंभीर चोट लगी जिससे महान क्रांतिकारी लाला जी की 17 नवम्बर 1928 को मृत्यु हो गईं।
•अपने अंतिम समय में लाला जी ने कहा था"मेरी छाती पर हुआ लाठी का वार ब्रिटिश साम्राज्यवाद की ताबूत में एक-एक कील साबित होगा।"
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